‘बिहार जन-संवाद’ में अमित शाह ने 1.25 लाख करोड़ रुपये बिहार पैकेज का दिया हिसाब
By Team BiharConnect
केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ‘बिहार जन-संवाद’ अभियान के तहत वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में बिहार के लिए जो 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज की घोसना की थी वो वादा पुरा कर दिया गया है.
शाह ने पैकेज के तहत केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सहयोग का ब्यौरा दिया. “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार के विकास के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था जिसका विपक्ष ने मजाक भी उड़ाया था लेकिन मैं आज पाई-पाई का हिसाब लेकर आया हूँ.”
पैकेज के तहत बिहार में महामार्गों के निर्माण के लिए 54,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए 14,000 करोड़ रुपये, रेलवे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये, हवाई अड्डों के सुधार के लिए 27,00 करोड़ रुपये, पर्यटन के लिए 600 करोड़ रुपये, कौशल विकास के लिए 1525 करोड़ रुपये, पेट्रोलियम और गैस के लिए 21000 करोड़ रुपये, बिजली के लिए 16000 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 1000 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के लिए 600 करोड़ रुपये और डिजिटल बिहार के लिए 450 करोड़ रुपये दिए गए.
“इसका विकास कार्य भी जमीन पर स्पष्ट दिखा रहा है. यही बताता है कि मोदी जी को कहते हैं, कर के दिखाते हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर सवा लाख करोड़ के पैकेज को इम्प्लीमेंट करने का कार्य किया है,” भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा.
पैकेज के तहत बिहार में महामार्गों के निर्माण के लिए 54,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए 14,000 करोड़ रुपये, रेलवे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये, हवाई अड्डों के सुधार के लिए 27,00 करोड़ रुपये, पर्यटन के लिए 600 करोड़ रुपये, कौशल विकास के लिए 1525 करोड़ रुपये दिए गए.
उन्होंने कहा कि लगभग 14,000 करोड़ रुपये की लागत से बरौनी रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाई गई और बरौनी स्थित खाद कारखाने के पुनरुद्धार केलिए 7083 करोड़ रुपये दिए गए. प्रोपिलीन यूनिट की स्थापना के लिए 1200 करोड़ रुपये और बरौनी रिफाइनरी में BS-6 इंधन को कार्यान्वित करने के लिए और 1500 करोड़ रुपये दिए गए.
670 किमी लंबी जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन परियोजना 2300 करोड़ रुपये से शुरू की गई. पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन के विस्तार के लिए 1800 करोड़ रुपये आवंटित किये गई. गंगा, सोन और कोसी जैसी बड़ी नदियों पर पुल बनाया जा रहा है. 1161 करोड़ रुपये की लगत से मोकामा से सिमरिया तक 8 किमी लंबा पुल गंगा नदी पर बनाया जा रहा है. भारत नेपाल सीमा पर 1655 करोड़ की लागत से समांतर सड़क बने जा रही है. बोध गया में आईआईएम और दरभंगा में एम्स का निर्माण किया जा रहा है.
पूसा कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है. 1200 करोड़ रुपये की लागत से पटना एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है, दरभंगा में 100 करोड़ की लगत से नया एयरपोर्ट तैयार हो रहा है. दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड किया जा रहा है. नमामि गंगे के तहत 5000 करोड़ रुपये के लागत से पटना के अंदर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की गई है.
शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने हैं. “मुझे भरोसा है कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी.”
“मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी को बधाई देना चाहता हूँ क्योंकि उनके नेतृत्व में बिहार सरकार ने भी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है,” शाह ने कहा.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 21 लाख से अधिक लाभार्थियों के खाते में 210 करोड़ रुपये भेजे, राशन कार्ड धारकों के कहते में 1141 करोड़ रुपये भेजे, सुरक्षा पेंशनरों के खाते में 1070 करोड़ रुपये, राज्य के बाहर फंसे प्रवासियों के खाते में 203 करोड़ रुपये और कक्षा एक से आठ के छात्रों के खाते में 3261 करोड़ रुपये भेजे. क्षतिपूर्ति के तहत किसानों के खाते में 417 करोड़ रुपये और मध्याह्न भोजन की राशि में 378 करोड़ रुपये अधिक भेजे. प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों के संचालन केलिए बिहार सरकार ने 777 करोड़ रुपये और महामारी की जांच व सुविधाओं के लिए 703 करोड़ रुपये खर्च किये. पंचायत स्तर पर 160 करोड़ रुपये की लागत से मास्क, साबुन और सैनिटाइजर का वितरण किया गया. बिहार ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 8538 करोड़ रुपये की मदद सीधे आम जनता को दी.
‘बिहार जन-संवाद’ अभियान के तहत वर्चुअल रैली में दिए गए अमित शाह के भाषण के मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार के विकास के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था जिसका विपक्ष ने मजाक भी उड़ाया था लेकिन मैं आज पाई-पाई का हिसाब लेकर आया हूँ. इसका विकास कार्य भी जमीन पर स्पष्ट दिखा रहा है.
- बिहार ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 8,538 करोड़ रुपये की मदद सीधे आम जनता को दी है.
- बिहार की जनता को कुल मिलाकर अब तक 11,744 करोड़ रुपये पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है. गत कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने देश में ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना लागू करने का निर्णय लिया है जिसका सबसे अधिक फायदा प्रवासी मजदूरों को ही होगा.
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आये जबकि आत्मनिर्भर भारत के लिए उन्होंने देश की जीडीपी के लगभग 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया.
- लालू यादव की सरकार में बिहार की विकास दर 3.1% थी जबकि नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने इसे 11.3% तक पहुंचाया. लालू सरकार बिहार के बजट का आकार 23,800 करोड़ रुपये छोड़ कर गई थी जबकि एनडीए सरकार ने इसे 2,11,761 करोड़ तक पहुंचाया है.
- प्रति व्यक्ति आय में सालाना वृद्धि पहले 0.12% थी, वहीं इसे हमने 4.8% तक पहुंचाया है. कृषि विकास दर 2.3% से 8.5% तक पहुंची है. बिजली की उपलब्धता 22% लोगों से बढ़ कर शत प्रतिशत लोगों तक पहुँची है. पक्की सड़कों का जाल भी 34% की तुलना में 96% तक बढ़ा है.
- लालू सरकार में पूंजीगत व्यय 3340 करोड़ रुपये तक सीमित था, आज यह 21058 करोड़ रुपये तक पहुंचा है. राजकोषीय घाटे को हम 6.2% से घटा कर 2.7% तक लाने में कामयाब हुए हैं. लालू सरकार में औद्योगिक विकास दर जहां निगेटिव थी, उसे हमने 17% तक आगे ले जाने में सफलता पाई है.